मैने देखा
है
, नदी
मे
पानी
को
बहते
हुए,
मैने देखा
है
, पत्तों
को
हवा
में
उड़ते हुए,
मैने महसूस किया है,
विचारों को प्रस्फुटित होते हुए,
मैने एहसास किया है
भावनाओं को बाहर आते हुए |
लेकिन मैं नहीं जान
पाया और न ही देख पाया,
अभी मुझे लगती है ये
कल कि बात ,
जब आये थे यहां हम सभी
एक साथ |
ह्रदय में आशा , मन में था विश्वास,
जीवन को
दिशा मिल जाने का था एहसास् |
यहां से
आगे हम सभी बढ़े एक साथ,
इसी बीच
समय के निकल जाने का ना हो सका आभास |
अब लगता
है कि कितनी सही है ये बात,
मूल्य
का होता है बिछोह के समय एहसास |
आंखे
हैं नम फिर भी चेहरा मुस्कुराता हुआ,
लगती है
खीझ क्यूं पता ना चला मुझे ये समय जाता हुआ |
सफ़र था
मेरा अनुभवों से भरा ,
जिसनें
दिया है मुझे स्वयं से मिला |
स्वनिर्भर
बना हूं यहां आके मैं,
स्वनिर्माण
की राह मिली है मुझे |
डिगूं
ना इस पथ से मै जीवन पर्यंत,
मूंल्यों का ना हो कभी मेरे अंत,
इतनी
शक्ति मुझे दो हे ईश्वर अनंत,
इतनी शक्ति
मुझे दो हे ईश्वर अनंत |
GUD 1
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